अब तो कोई गीत लिखो जी
अब तो कोई गीत लिखो जी मेरी खातिर
मुझको भी मनमीत लिखो जी मेरी खातिर
इस मुखड़े को चाँद लिखोगे तो क्या होगा
आज नया इक रीत लिखो जी मेरी खातिर
लम्बी चौड़ी कविताई से क्या होता है
अब कोई नवगीत लिखो जी मेरी खातिर
नाज करें जनगण जिस पर ऐसा कुछ लिखना
मधुर मधुर संगीत लिखो जी मेरी खातिर
पगपग में सब कुछ हारा तुमने औ हमने
अब तो कोई जीत लिखो जी मेरी खातिर
प्रेम प्रीत में हार जीत अब मत लिखना तुम
जीवन सफल व्यतीत लिखो जी मेरे खातिर
🙏 *सुरेश पैगवार*🙏
जाँजगीर
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