बाल गीत
छन्न पकैया
(बाल कविता)
छन्न पकैया छन्न पकैया, आजादी की आँधी।
गोरों की ताकत को बाँधी, हम सब के हो गाँधी।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, जग में पीटा डंका।
अंग्रेजों को दूर भगा के, हर ली सबकी शंका।।
सीधा सादा वेश तुम्हारा, पहने रहते धोती।
अगर नहीं आते इस जग में, भारत माता रोती।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, क्रांति देश में ला दी।
सादा जीवन उच्च विचारों, के थे अपने गाँधी।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, उनके तीनों बंदर।
देखे सुने न बोलते बुरा, राखे अपने अंदर।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, काहे की लाचारी।
मिलें जुलें हम साथ रहेंगे, हारें अत्याचारी।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, देश हमारा चमके।
मीठी होवे बोली भाषा, मुख मंडल भी दमके।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, विपदा सभी हरेंगे।
खूब पढ़ेंगे, खूब लिखेंगे, सारे कष्ट टरेंगे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, बच्चों बनो पढ़ाकू।
आजादी के रहे पुरोधा, भारत के जी बापू।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, भले कष्ट को सहना।
झेलो लाख विपत्ति अधर से, फिर भी कुछ मत कहना।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, बनना बापू जैसा।
पढ़ लिख कर तुम नाम कमाओ, काम न आये पैसा।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, स्वच्छ नियम अपनाओ।
भारत प्यारा देश हमारा, सुंदर इसे बनाओ।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, रहे नहीं लाचारी।
साफ रखो जी तन मन अपना, दूर रहे बीमारी।।
🙏 *सुरेश पैगवार* 🙏
जाँजगीर
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