उड़ो कभी तो


~~~~~~🌹 *गीत*  🌹~~~~~~

उड़ो कभी तो ऐसे उड़ना,          जैसे उड़े पतंग।
डोर जुड़े जो अनुशासन की,   तब जीतोगे जंग।।

लाभ हानि जीवन के रण में,  रहे कभी ना झूठ
हार जीत का खेल अगर हो,  अपनों को दें छूट
देख विधाता जीवन दाता,      भी हो जाये दंग।।
उड़ो कभी - - - - - - - -,

त्याग तपस्या से ही होती,      जीवन नदिया पार
परहित का जो ध्यान रखेंगे,    सुखी रहे परिवार
चाहत ज्यादा रखो नहीं पर,   होना कभी न तंग।।
उड़ो कभी - - - - - - - -,

छोड़ व्यर्थ की सब बातों को, तुम बगराना प्रीत
लाँघ न जाना मर्यादा को,     रहो सदा मन मीत
अंतर्मन निर्मल होवे तो,      जग चलता है संग।।
उड़ो कभी  - - - - - - - -,

                                          
                   🙏 *सुरेश पैगवार* 🙏
                              जाँजगीर

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