समय नहीं है - - -



एक "गीत" सीमा के प्रहरियों के लिए


शांति गीत का समय नहीं है, 
अभी समर का गान करो,
गीतकार संगीतकार तुम,  
  वीरों का सम्मान करो।।

जिनने  प्राणों को न्यौछावर,
कर माटी का मान रखा।
तन मन जीवन सब अर्पण कर, 
भारत का अभिमान रखा।

ऐसे वीरों की गाथा का, 
ऊँचे स्वर में गान करो।
गीतकार संगीतकार तुम, 
 वीरों का सम्मान करो।।

प्रहरी है उत्तुंग हिमालय,  
  सागर भी सब हैं गहरे
फौलादी सैनिक हैं न्यारे,  
    देते सीमा पर  पहरे।

बारिश,बर्फ , तोप की ध्वनि का
  थोड़ा तो अनुमान करो।
गीतकार संगीतकार तुम,  
वीरों का सम्मान करो।।

ताकत जागे उन वीरों का,  
   गीतों में हुंकार भरो।
देश प्रेम हो सबसे बढ़ कर, 
 ऐसा तुम झंकार करो।

रौद्र रूप दुश्मन का झेले,
उनपर तो अभिमान करो।
गीतकार संगीतकार तुम, 
   वीरों का सम्मान करो।।

                                       
                   🙏 *सुरेश पैगवार* 🙏
                             जाँजगीर

Comments

Popular posts from this blog

धधकता छाती मोर छत्तीसगढ़ी गीत

हास्य गीत- गोरी हो या काली हो