छत्तीसगढ़ी गीत- सुन मितानी गोठ सँगी
सुन मितानी गोठ संगी, मोर कहना मान रे
जोरबे तैं टोरबे झन, छोड़ दे अभिमान रे
बाँट बे झन काटबे झन, चीथ बे झन कोंचबे
का मिलिस हे तोर बर रे, तैं अपन झन सोंचबे
जीव ला तैं झन दुखाबे, सब ल अपने जान रे
दुख परे मा काम आबे, देत हौं मैं ज्ञान रे
दीन के तैं संग दे के, सुख समें ला लानबे
गाँव बस्ती साथ रखबे, सब ल अपने जानबे
चार दिन के हे जुवानी, सुत न गोड़ी तान रे
कर कमाई जोर भाई, आज कर ले ध्यान रे
सुरेश पैगवार
जाँजगीर
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