गजब पुरातन नगरी भइया- जिले का बखान गीत

*"जाँजगीर एक ऐतिहासिक पुरातन नगरी"*
    🌹(आल्हा छंद म बखान)🌹

गजब पुरातन नगरी भइया,  जाँजगीर हे जेकर नाम।
गौरवशाली वैभव सुनलौ, जाज्वल्य देव के ये धाम।।

साहित,संस्कृति अउ कला जी, धरम-करम मा हे पहिचान।
आदर भाव भरे हिरदे मा, मनखे हावँय बड़े सुजान।।

ज्ञानी ध्यानी इहाँ भरे हें,    दूर देश तक फइले नाम।
मंत्र आरती ईश प्राथना,   होवत रहिथे सुबहो शाम।।

बस्ती बीच म देवी दाई, चँदवा बइगा के दरबार।
भिम्भा तीर के बिष्नु मंदिर, रहिथे जी हरदम गुलजार।।

कोसा, काँसा, कंचन चाम्पा, शिवरी -नारायन हे धाम।
जिहाँ बिराजे सौंरिन दाई,   राम दरस के मिले इनाम।।

रामभक्ति मा सौंरिन दाई बछर-बछर ल दिहिन गुजार।
महानदी के तट मा बइठे,   रद्दा देखिन आँसू ढार।।

मन मा मूरत सियाराम के, तन म फरिया हे लपटाय।
आतम ज्ञान सौरि के गहना, दिव्यज्ञान के जोत जलाय।।

गज अहिरन चोरनइ तान झिंग,जटाशंकर उतेगसहाय।
हसदो के संगवारी नदियाँ,  महानदी मा जाय समाय।।

महा नदी के अमृत धारा,   राम आचमन जेकर पाँय।
जेकर तट मा बइठे सौरिन, राम ल जूठन बेर खवाँय।।

माता सीता लक्ष्मण भइया,    जे नदिया मा रहे नहाय।
वो नदिया के पबरित पानी, कइसे अमरित नहीं कहाय।।

बड़ चरचा कोटमी के भइया, भारी बस्ती रहैं सुनार।
ताल म जेकर मगर भरे हे,     देखइया आवै भरमार।।

नाहर तीर नहरिया बाबा,   पहरिया सिंघरी के राज।
मदनपुर बईठे महमाई, जमो बनाथै बिगरे काज।।
     
चँदरपुर के चंद्रहासिनी,  छत्तीसगढ़ के लाज बचाय।
महानदी के तीर बिराजे, जेकर महिमा बरनी न जाय।।

अष्टभुजी अड़भार बिराजें,पीथमपुर म कलेसर नाथ।
लखनेश्वर हें खरौद नगर म, आवौ चलौ नवाबो माथ।।

जिला जांजगीर -चाँपा मा है,दस तहसील अउ नौ-नौ ब्लाक।
गाँव-गाँव म खुसहाली हे, होवत रहिथे हँसी मजाक।।

कोरबा जेकर उत्तर म हे,  दक्षिण मा हे रइपुर जान।
पूरब मा रइगढ़ हे भइया, पश्चिम बेलसपुर पहिचान।।

कागद, लोहा,पानी,बिजली,  अन्न धन्न भरे भंडार।
कलाकार साहित्य पुजारी, बगरे उँकरे ले उजियार।।

जाँजगीर के महिमा भइया, कोन सके जी करे बखान।
इहाँ के माटी चंदन जइसे,  कहे सुरेश सुनलौ सुजान।।।   

            🙏 *सुरेश पैगवार* 🙏
                      जाँजगीर

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