आओ मिलकर साथ चलें हम - नवगीत

🌲🌹 *नव गीत* 🌹🌲
            

आओ मिलकर साथ चलें हम,
गाते हुए तराने।
एक राह के राही हम तुम,
फिर क्यों चाकू तानें।।

समय चक्र ने घेरा हमको,
क्यों न दिखायें हम भी दम को,
हममें  भी तो     खुद्दारी  है,
चलो मिटाएँ मिलकर तम को।

साथ रहेंगे साथ मरेंगे
बात यही सब मानें।।

रोटी दाल सवाल अभी है,
देखो बहुत बवाल अभी है,
बच्चा मरा दवा  बिन कैसे
अस्पताल ये हाल अभी है।

जब तक सम सुख भाग न होंगे,
हार हमीं क्यों मानें।।

पैनी  अपनी  धार करेंगे,
पत्थर पर भी वार करेंगे,
आता हमें नहीं है रुकना,
एक रूप  संसार   करेंगे।

रुकती झुकती कलम नहीं है,
बल इसकी पहचानें।।
 
                    
        🙏  *सुरेश पैगवार* 🙏
                   जाँजगीर

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