मुझको भी दर्द की दवा दे दो
मुझको भी दर्द की दवा दे दो
चैन मिल जाय वो हवा दे दो
सह लूँगा मैं इन पीड़ाओं को
थोड़ा रस सोम कि महवा दे दो
मैं तो हर चीज पचा ही लूँगा
मुझको मीठा या कड़वा दे दो
जल गया शरीर धूप से तपकर
कुछ तो ओले या पुरवा दे दो
चलता है देश सुन लो सुमता में
हक कोई नहीं कि बलवा दे दो
🙏 *सुरेश पैगवार* 🙏
जाँजगीर
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